क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, बल्लोवाल सोंखडी द्वारा एस.बी.एस. अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया
बलाचौर 4 अप्रैल (जसप्रीत सिंह धीमान)
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, बल्लोवाल सोंखडी द्वारा जिला एसबीएस नगर कृषि अधिकारियों के तिलहन फसल उत्पादन’ विषय पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में एसबीएस नगर के मुख्य कृषि अधिकारी, कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, कृषि विस्तार अधिकारी आदि ने भाग लिया।
डॉ. मनमोहनजीत सिंह, डीन, पीएयू-कृषि महाविद्यालय, बल्लोवाल सौंखड़ी ने बताया कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था प्राकृतिक संसाधनों पर धान-गेहूं फसल प्रणाली के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए तिलहन फसलों के महत्व और फसल विविधीकरण के लिए इसकी उपयुक्तता पर ज्ञान प्रदान करने के लिए तयारकीया गया। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशन के उद्देश्यों, पीएयू-कृषि महाविद्यालय, बल्लोवाल सोंखडी में चल रही परियोजनाओं और प्रवेशों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ. गुरविंदर सिंह, विस्तार वैज्ञानिक ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्रशिक्षण में चयनित विषयों के बारे में विषय विशेषज्ञ की जानकारी दी। उन्होंने कृषक समुदाय तक आधुनिक कृषि तकनीक लाने के लिए कृषि विभाग के सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर चर्चा की। डॉ. गुरविंदर ने किसानों को नवीनतम तकनीकों और सेवाओं से लैस करने के लिए पीएयू द्वारा आधुनिक विस्तार विधियों को अपनाने पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने तटीय क्षेत्रों में भूमि संरक्षण के महत्व पर भी चर्चा की। डॉ. रमिंदर सिंह घुम्मन, डीईएस। (फसल विज्ञान) ने तिलहन फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए अनुशंसित खेती तकनीकों के बारे में बात की और विश्वविद्यालय द्वारा अनुशंसित तिलहन फसलों की उपयुक्त किस्मों पर चर्चा की। डॉ के.के. शर्मा, पादप रोगविज्ञानी ने तिलहनी फसलों की विभिन्न बीमारियों एवं उनके नियंत्रण पर प्रकाश डाला। डॉ. वरुण अत्री, सिल्वीकल्चरिस्ट, जिला एसबीएस द्वारा विभिन्न फसल प्रणालियों की जानकारी साझा की गई। उन्होंने कृषि वानिकी के लिए तिलहन फसलों के महत्व पर भी चर्चा की। सभी अधिकारी प्रशिक्षुओं ने नव स्थापित पीएयू-कृषि महाविद्यालय और अनुसंधान केंद्र की विभिन्न इकाइयों जैसे हर्बल गार्डन, प्रजनन परीक्षण इकाई, फल पोषण उद्यान आदि का दौरा किया। प्रशिक्षण के अंत में डॉ. दपिंदर सिंह प्रमुख कृषि अधिकारी, शहीद भगत सिंह नगर रिसर्च सेंटर की पूरी टीम को धन्यवाद दिया।