लुधियाना में सिविल अस्पताल के इमरजेंसी के अंदर डॉक्टरों और स्टॉफ पर अस्पताल पहुंचे लोगों ने जानलेवा हमला करने का प्रयास किया

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लुधियाना में रविवार देर रात सिविल अस्पताल के इमरजेंसी के अंदर डॉक्टरों और स्टॉफ पर अस्पताल पहुंचे लोगों ने जानलेवा हमला करने का प्रयास किया। लुधियाना इमरजेंसी में देर रात ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि देर रात दो पक्ष लड़ाई का केस लेकर अस्पताल में पहुंचे थे। बस्ती जोधेवाल थाना क्षेत्र से आए दोनों पक्ष पर्चा (एमएलआर) कटवाने आए थे। डॉक्टरों ने एक पक्ष का पर्चा तो काट दिया था लेकिन बाद में आए दूसरे पक्ष का पर्चा काटने से इंकार कर दिया, डॉक्टरों ने उन्हें कहा कि पहले आप इलाज करवा लो फिर पर्चा भी काट लिया जाएगा।

लेकिन डॉक्टरों की इसी बात पर विवाद हो गया और हालात इतने बेकाबू हो गए कि डॉक्टरों को एक कमरे में बंद कर दिया गया और उनपर हमला करने का भी प्रयास किया गया। उधर डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस भी मौके पर पहुंची लेकिन इस दौरान आरोपियों ने पुलिस के साथ भी धक्कामुक्की की।

डॉ. बोलीं- सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया

डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने कहा कि पर्चा कटवाने पर अड़े पक्ष के युवक शराब के नशे में थे और वो डॉक्टरों की किसी भी बात को सुनने के लिए तैयार ही नहीं थे। उन्हें बार बार समझाने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने किसी की भी नहीं मानी, और अस्पताल के अंदर ही हंगामा करने लगे, सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने लगे। मामला यहीं नहीं रुका, युवकों ने डॉक्टर और स्टाफ पर जानलेवा हमला करने का भी प्रयास किया और आरोप लगाए गए की डॉक्टरों ने पहले पहुंचे पक्ष से पैसे लेकर जानबूझ कर ज्यादा कट मारे हैं और उनका गलत पर्चा बनाया है।

लुधियाना पुलिस की पीसीआर टीम पर भी लगाए आरोप डॉक्टर सुनीता अग्रवाल ने कहा, “जब मामला ज्यादा बढ़ा तो मौके पर पुलिस को बुलाया गया। लुधियाना पुलिस के पीसीआर मुलाजिमों ने अस्पताल में आकर डॉक्टरों को नसीहत देनी शुरू कर दी कि आप पर्चा दर्ज कर दीजिए और एमएलआर सुबह दर्ज कर दी जाएगी।

डॉक्टर ने कहा, “पीसीआर टीम को इतना नहीं पता था कि एमएलआर और पर्चा एक ही चीज होती है”। महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया कि जब मामला बढ़ा तो मैंने पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल किया था। इतना बड़ा मामला होने के बाद भी थाना डिवीजन नंबर-2 की पीसीआर की टीम आधा घंटा लेट क्राइम सीन पर पहुंची। अस्पताल का माहौल ज्यादा खराब ना हो इसलिए मजबूरन डॉक्टरों को बिना इलाज किए ही हंगामा कर रहे पक्ष का पर्चा काटना पड़ा।

डॉक्टर ने अपनी सुरक्षा पर उठाए सवाल डॉक्टर ने कहा, “रात में मेरे साथ एक डॉक्टर काम पर है, मगर हमारी कोई सुरक्षा नहीं है। लड़ाई करने की नीयत से करीब 10 युवक हमारे कमरे में घुस गए। मगर कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया गया। डॉक्टरों को बाहर तक नहीं निकलने दिया”। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी उनकी कोई मदद नहीं की।

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