यदि त्वचा पर सुन्न धब्बे हों तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है

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करतारपुर 30 जनवरी( जसवंत वर्मा) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के बलिदान को समर्पित कुष्ठ निवारण दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन जालंधर डॉ. गुरमीत लाल के आदेशों के तहत ब्लॉक करतारपुर के सभी आयुष्मान आरोग्य केंद्रों द्वारा सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. सरबजीत सिंह भोगल के नेतृत्व में कुष्ठ रोग निवारण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर डॉ. गगनदीप भारद्वाज, बी.बी.ई. राकेश सिंह, डा. हेमंत, सीएचओ इंदु बाला व अन्य लोगों द्वारा लोगों को जागरूक किया गया।
डॉ गगनदीप भारद्वाज ने बताया कि कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु के माध्यम से एक रोगी से दूसरे रोगी में फैलता है। उन्होंने कुष्ठ रोग के लक्षण और इस रोग से होने वाली विकलांगता के बारे में बताते हुए कहा कि सुन्न, तांबे के रंग का निशान मिलने पर जितनी जल्दी उपचार शुरू किया जाएगा, उतनी जल्दी शरीर के अंगों को नुकसान नहीं पहुंचेगा। यदि किसी व्यक्ति के शरीर पर हल्का गुलाबी, सुन्न धब्बा हो तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है। एमडीटी यह रोग 100% उपचार योग्य है तथा इससे होने वाली विकलांगता को समय रहते रोका जा सकता है।
बीबीई राकेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में इस रोग का समस्त उपचार निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

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