जानलेवा हो सकता है हेपेटाइटिस, बचाव के लिए जागरूकता जरूरी: डॉ. रमन गुप्ता

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करतारपुर 29 जुलाई (जसवंत वर्मा )  : राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत “विश्व हेपेटाइटिस दिवस” ​​के संबंध में सिविल सर्जन जालंधर डाॅ. जगदीप चावला की कमान में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमन गुप्ता एवं किरण कौसल के नेतृत्व में “विश्व हेपेटाइटिस दिवस” ​​मनाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रमन गुप्ता ने बताया कि हेपेटाइटिस लीवर की बीमारी है जो वायरस से फैलती है। इस वायरस के पांच प्रकार हैं जो लोगों को संक्रमित करते हैं जो हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई हैं। इसमें से हेपेटाइटिस सी और बी ज्यादा खतरनाक हैं और इनकी जांच जरूर करानी चाहिए। किसी को भी सर्जरी कराने से पहले, दांतों के इलाज के दौरान, रक्तदान करते समय, गर्भवती महिलाओं को, टैटू बनवाने से पहले, डायलिसिस के दौरान जांच करानी चाहिए, ताकि इस बीमारी का जल्दी पता चल सके।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डाॅ रमन गुप्ता ने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी को काला पीलिया भी कहा जाता है, जब कोई इसकी चपेट में आता है तो हल्का बुखार, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जिससे लीवर में सूजन और लीवर कैंसर हो सकता है।
इस मौके पर बीईई राकेश सिंह ने बताया कि प्रदेश के जिला अस्पतालों, सरकारी मेडिकल कॉलेज, एआरटी में हेपेटाइटिस सी और बी का इलाज, बेसलाइन टेस्ट और वायरल लोड टेस्ट। केंद्र और ओ.एस.टी आदि केन्द्रों पर इलाज निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस से बचाव के लिए बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना जरूरी है, जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों के टीकाकरण सूची में शामिल है और निःशुल्क लगाया जाता है। इस बीच, एलएचवी राजविंदर कौर, ए.एन.एम. राजविंदर कौर, फार्मेसी अधिकारी शरणजीत बावा और एमपीएचडब्ल्यू उपस्थित थे।

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