सतगुरु नानक के विवाह को लेकर सजने लगा गुरुद्वारा श्री बेर साहिब

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सिख धर्म के संस्थापक पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के ब्याह पर्व को लेकर सुल्तानपुर लोधी सज गया है। देश-विदेश से संगत का आगमन शुरू हो चुका है। गुरुद्वारा श्री बेर साहिब भी विदेशी रंग-बिरंगे फूलों से सज उठा है। 13-14 किस्म के रंग बिरंगी फूल इस्तेमाल में लाए गए हैं। वहीं आर्टीफिशियल फूलों ने भी आभा बिखेरी है।
गुरुद्वारा साहिब के मुख्य द्वार को सजाने की सेवा संगत को मिली है, जिनकी तरफ से रात-दिन सेवा निभाकर गुरुद्वारा साहिब को मनमोहक ढंग से सजाया गया है। सजावट ऐसी है कि तनमस्तक होने आने वाली संगत को अपनी ओर बरबस ही आकर्षित कर रही है।
गुरुद्वारा श्री बेर साहिब के हेड ग्रंथि भाई हरजिंदर सिंह बताते हैं कि
20 सितंबर की शाम बटाला से संगत शगुन के रूप में बारात का न्योता लेकर गुरुद्वारा बेर साहिब पहुंचेगी, जिसका एसजीपीसी और इलाके की संगत की ओर से भव्रू स्वागत किया जाएगा। अगले दिन 8 सितंबर को एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोके हरजिंदर सिंह धामी की मौजदूगी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया और पांच प्यारों की अगवानी में बाबा नानक का बारात रुपी नगर कीर्तन बटाला के लिए रवाना होगा। जगह-जगह संगत की ओर से नगर कीर्तन पुष्पवर्षा से स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 8 सितंबर की रात साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक भाई मर्दाना जी दीवान हाल में धार्मिक समागम होगा। नगर कीर्तन की लगभग तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं।

-ये होगा नगर कीर्तन का रूट-
9 सितंबर को सुबह छह बजे नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री बेर साहिब से आरंभ होगा। यह नगर कीर्तन गांव तलवंडी चौधरियां, मुंडी मोड़, फत्तूढींगा, रत्तड़ा, उच्चा, सैफलाबाद, घणिये के, खैड़ा बेट, सुरखपुर, संगोजला, जातिके, भंडाल बेट, पड्डे बेट, धालीवाल बेट, अड्डा मियानी बाकरपुर(ढिलवां), ब्यास, बाबा बकाला, अचल साहिब, बटाला शहर, चौक भाई सुक्खा सिंह भाई मेहताब सिंह, गांधी चौक, लक्कड़ मंडी, हंसली पुल से होता हुआ गुरुद्वारा सतकरतारियां साहिब पहुंचकर संपन्न होगा।

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