करतारपुर (हरमेश दत्त) : शिक्षा और स्वास्थ्य जो संविधान के अनुसार भारत के नागरिकों के मूल अधिकारों में से हैं। लेकिन आज स्वास्थ्य और शिक्षा निजी हाथों के कारण व्यवसाय बन गया है। स्वास्थ्य और शिक्षा मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब से दूर होती जा रही है। पंजाब में शिक्षा और स्वास्थ्य क्रांति के विज्ञापनों और नारों की जमीनी हकीकत कुछ और है. ये विचार आज सेंट फ्रांसिस स्कूल पहुंचे पंजाब किसान यूनियन (बागी) के प्रदेश महासचिव गुरदीप सिंह भंडाल ने व्यक्त करते हुए कहा कि आज डिप्टी कमिश्नर जालंधर हिमांशु अग्रवाल द्वारा सेंट में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से अवैध और जबरन वसूली की जा रही है। फ्रांसिस कॉन्वेंट स्कूल, करतारपुर में अलग-अलग नामों से फंड देने, स्कूल बसों का किराया बढ़ाने, एक ही दुकान से वर्दी और किताबें खरीदने को मजबूर करने को लेकर दी गई शिकायत। बाद में शिक्षा विभाग के तीन सदस्यीय पैनल ने स्कूल प्रशासन और अभिभावकों के बयान दर्ज किये. बातचीत करते हुए भंडाल ने कहा कि निजी स्कूल माफिया द्वारा आरटीई एक्ट 2009, फीस रेगुलेटरी एक्ट 2016-17, वाहन सुरक्षा एक्ट 2013 का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। सरकारें और शिक्षा व्यवस्था अभिभावकों की लूट का तमाशा देख रही है आज हमें एकजुट होकर शिक्षा की कमी के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है और यह तभी संभव हो सकता है।