कांग्रेस पार्टी ने डिप्टी कमिश्नर के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया

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कल पंजाब सरकार पर पेट्रोल, डीजल और बिजली की कीमतें बढ़ाकर लोगों पर 3 हजार करोड़ रुपये का टैक्स लगाने का आरोप लगाते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने डिप्टी कमिश्नर के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। गुरदासपुर में कार्यालय और पंजाब सरकार के नाम सौंपा गया मांग पत्र

मामला तब गरमा गया जब न तो उपायुक्त, न ही एडीसी और न ही कोई अन्य कार्यकारी अधिकारी कांग्रेसियों के पास मांग लेने के लिए पहुंचे।

इसलिए कांग्रेस नेतृत्व ने उपायुक्त कार्यालय के गेट के बाहर धरना दिया और उपायुक्त व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

पेट्रोल, डीजल और बिजली के यूनिट रेटों में बढ़ोतरी को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री और मौजूदा विधायक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और हलका विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहरा के साथ कांग्रेस पार्टी की बैठक हुई। , जिला युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बलजीत सिंह पाहरा ने जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों, सरपंचों, पंचायत समिति सदस्यों के साथ गुरदासपुर में उपायुक्त कार्यालय पर पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए, लेकिन मामला तब गरमा गया जब दोनों में से किसी ने भी प्रदर्शन नहीं किया। न तो डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर आए और न ही एडीसी गुरदासपुर और न ही कोई सरकारी अधिकारी कांग्रेसी नेताओं का मांगपत्र लेने आए, तब सारी कांग्रेस लीडरशिप मौजूदा डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर में गई और धरना दिया। धरना दिया और डिप्टी कमिश्नर के साथ पंजाब सरकार के नाम पर नारेबाजी शुरू कर दी, मामला गरमा गया

इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री और मौजूदा विधायक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और जिला अध्यक्ष और हलका विधायक गुरदासपुर बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा ने कहा कि कल पंजाब सरकार ने विधानसभा में पेट्रोल, डीजल और बिजली की बिक्री को मंजूरी दे दी है कीमतों में बढ़ोतरी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने पंजाब की आम जनता पर 3 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त टैक्स लगाया है, जिससे आम आदमी पर बोझ बढ़ गया है, वहीं उन्होंने गुस्से में कहा कि उन्होंने विधानसभा नहीं बनाई है. कुछ भी कहो, लेकिन रेट बढ़ाकर उन्होंने पंजाब की आम जनता पर बोझ डाला है, उन्होंने कहा कि जब हमने पंजाब सरकार के नाम मांग पत्र देना चाहा. मांग पत्र लेने के लिए न तो डिप्टी कमिश्नर आए, न एडीसी और न ही कोई सरकारी अधिकारी, जिसके कारण हमें डीसी के कार्यालय गेट के बाहर ही अपना गुस्सा जाहिर करना पड़ा

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