गुरु विरजानन्द गुरुकुल महाविद्यालय में संस्कृत भारती के भाषा प्रबोधन वर्ग का समापन।

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करतारपुर 29 जून (जसवंत वर्मा) :  मुख्य वक्ता श्रीमान नरेंद्र कुमार महोदय ,अध्यक्ष श्रीमान वीरेंद्र कुमार महोदय ,विशिष्ट अतिथि श्रीमान ध्रुवकुमार मित्तल महोदय ,मुख्य अतिथि डॉक्टर सुधीर शर्मा,प्रोफेसर रवि दत्त कौशिक ,आचार्य निगम स्वरूप महोदय , अजय कुमार ,मुख्य अध्यापक टेकचंद ,रविंद्र गिरी ,जमशेद भगवान ,संजीव कुमार का गुरुकुल प्रांगण में पुष्पाहार के द्वारा स्वागत किया गया।
मुख्य वक्ता श्रीमान नरेंद्र महोदय ने कहा ईश्वर उत्तम कार्यों के लिए उत्तम लोगों का चयन करता है संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार उत्तम कार्य है हम सौभाग्यशाली हैं। कि ईश्वर ने हमें इस कार्य के लिए चुना है ।विशिष्ट अतिथि श्रीमान ध्रुव मित्तल ने कहा कि जिस भाषा को व्यापार के साथ जोड़ा जाता है वह भाषा तरक्की करती है हमें कोशिश करना चाहिए कि संस्कृत भाषा को भी व्यापार तथा आयुर्वेद एवं सरकारी कार्यों के साथ जोड़ा जा सके
डॉ सुधीर शर्मा ने कहा संस्कृत भारती एक अच्छे नर्सरी की तरह है यह अच्छे उद्यान और बगीचों का रूप ले। मैं ईश्वर से यह कामना करता हूं। आचार्य निगम स्वरूप ने कहा सरल कार्य सब करते हैं। कठिन कार्य हम करेंगे। संस्कृत भाषा के अस्तित्व रहने पर सभी भाषाओं का अस्तित्व बचेगा। इसलिए हमें संस्कृत का प्रचार प्रसार करना चाहिए। इस अवसर पर शिविर के विद्यार्थियों द्वारा गीत, भाषण, नाटक ,धन्यवाद ज्ञापन इत्यादि सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए ।

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