स्वास्थ्य विभाग करतारपुर द्वारा “डी वार्मिंग डे” के अवसर पर स्कूल में एक सेमिनार आयोजित किया गया

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करतारपुर 28 नवंबर (जसवंत वर्मा ) सिविल सर्जन जालंधर डाॅ. गुरमीत लाल के निर्देशन में सी.एच.सी. करतारपुर से एस.एम.ओ डी-वर्मिंग डे (“पेट के कीड़ों से मुक्ति का राष्ट्रीय दिवस”) के अवसर पर डॉ. सरबजीत सिंह के नेतृत्व में डी.ए.वी. स्कूल करतारपुर में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसी बीच एस.एम.ओ डॉ। सरबजीत सिंह ने कुछ स्कूली बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक दी और उसके बाद स्वास्थ्य टीम ने एल्बेंडाजोल की गोलियां भी वितरित कीं. इस अवसर पर प्रधान शिक्षक मुकेश कुमार, आर. बी। एस। के. डॉ. रमन, डॉ. योगेश, डॉ. स्वतंत्र कौर, डाॅ. मोनिका, बी.ई.ई. राकेश सिंह,
डॉ। सरबजीत सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए “राष्ट्रीय पेट के कीड़ों से मुक्ति दिवस” ​​के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खाना खाने के बाद एल्बेंडाजोल की गोली खानी चाहिए, यह गोली बच्चों को पेट के कीड़ों से राहत दिलाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण और खून की कमी के कारण ज्यादातर बच्चे पेट में कीड़ों से पीड़ित होते हैं, जिसके कारण हमेशा थकान बनी रहती है, मानसिक और संपूर्ण शारीरिक विकास में बाधा आ सकती है, लेकिन यह आहार बच्चों में बीमारियों से लड़ने के साथ-साथ बीमारियों से भी लड़ सकता है ताकत के साथ-साथ उनके शरीर में खून की कमी भी पूरी हो जाएगी।
डॉ। स्वतंत्र कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि जो बच्चे आज किसी कारणवश गोली खाने से वंचित रह जायेंगे, उन्हें 5 दिसंबर को कृमि मुक्ति मॉप अप राउंड से आच्छादित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पेट के कीड़ों से बचने के लिए हमें अपनी और अपने आस-पास की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, फलों और सब्जियों को साफ पानी से धोना चाहिए, नाखूनों को साफ और छोटा रखना चाहिए, हमेशा साफ पानी पीना चाहिए, खाना ढककर रखना चाहिए, चप्पल पहनना चाहिए। विशेष रूप से खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद अपने हाथ साबुन से धोएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने हाथ-पैर के नाखूनों को समय-समय पर बढ़ने नहीं देना चाहिए और समय-समय पर उन्हें काटते रहना चाहिए। इसके साथ ही खुले में बिकने वाली खाद खाने से भी बचना चाहिए।

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