1 अप्रैल : शराब पीने के शौकीन पियक्कड़ों के लिए 31 मार्च साल का बेहद खास दिन होता है। क्योंकि इस दिन जब शराब के कारण ठेके टूट जाते हैं तो उन्हें सस्ती शराब खरीदकर पीने को मिलती है पिछले 3 साल से शराब के ठेके नहीं टूटे थे, इस साल 31 मार्च को शराब के ठेके टूटने के साथ ही सुबह से ही शराब के काउंटरों पर और शहर की हर शराब की दुकान पर सस्ती शराब खरीदने वालों की लंबी कतारें लग गईं। . थोक में खरीदा गया जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया शराब खरीदने वालों की संख्या बढ़ने लगी
बेशक, पिछले साल की तुलना में इस साल शराब (अंग्रेजी, देसी) की कीमत में इतनी कमी नहीं आई है, लेकिन इसके बावजूद लोगों में शराब खरीदने के लिए काफी होड़ मची रही। इस बार ठेका अलॉट होने के कारण स्टाफ की कमी के कारण रेट में ज्यादा कमी दर्ज नहीं की गई है। शहर में अंग्रेजी शराब की एक बोतल पर औसतन 200 रुपये कम किये गये
जबकि देशी शराब की एक बोतल पर 80 रुपये तक की छूट दी गई शराब की दुकानें बंद होने के कारण लोग देर रात तक शराब की दुकानों से शराब खरीदते नजर आये.
