नुकर नाटक से छात्रों को टीबी के प्रति जागरूक किया गया

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करतारपुर 3 मार्च (जसवंत वर्मा ) सिविल सर्जन जालंधर डॉ. गुरमीत लाल के आदेशानुसार 100 दिवसीय टीबी रोकथाम अभियान तथा मौसमी बीमारियों के बारे में गांवों, स्कूलों व कॉलेजों के विद्यार्थियों को जागरूक किया जा रहा है। इस संबंध में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. सरबजीत सिंह भोगल के नेतृत्व में माता गुजरी खालसा कॉलेज करतारपुर में विद्यार्थियों को टीबी, डेंगू व अन्य बीमारियों के बारे में जागरूक किया गया।इस अवसर पर आर्मी स्कूल ऑफ नर्सिंग जालंधर कैंट के विद्यार्थियों ने टीबी पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। डेंगू जागरूकता के लिए एक संबंधित नाटक और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बी.ई.ई. राकेश सिंह, प्राचार्य डॉ. हरमनदीप सिंह गिल, डॉ. सुचेता रानी, ​​प्रो. कमलेश रानी, ​​डॉ. कमलजीत सिंह, प्रो. रणजीत सिंह, प्रो. राजबीर सिंह, प्रो. सोनिया, इंस. केवल क्लिनिकल प्रशिक्षक अप्सरा कलशी और नंदिनी उपस्थित थीं। इस अवसर पर जानकारी देते हुए डॉ. सरबजीत सिंह भोगल ने कहा कि क्षय रोग (टीबी) अभी भी दुनिया की सबसे बड़ी संक्रामक बीमारी है जो मृत्यु दर को बढ़ाती है, लेकिन क्षय रोग एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज और रोकथाम संभव है। हवा के माध्यम से तपेदिक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब तपेदिक से पीड़ित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो बैक्टीरिया हवा में फैल जाता है। जिसके बाद आस-पास का व्यक्ति भी टीबी संक्रमण से ग्रसित हो जाता है। उन्होंने कहा कि जागरूक रहकर इससे बचा जा सकता है।
डेंगू बुखार के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सरबजीत सिंह भोगल ने बताया कि डेंगू मच्छर दिन में काटता है, यह साफ पानी में पनपता है तथा ठंडी जगहों और छाया में अधिक पनपता है। इसके लक्षणों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि डेंगू के लक्षणों में ठंड लगने के साथ बुखार आना, सिर, आंख, जोड़ों व शरीर में दर्द होना, भूख न लगना या दस्त होना शामिल है। डेंगू से बचने के लिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें।

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