डी एम के सांसद दयानिधि मारन के संस्कृत के विरोध में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी उनके घोर मानसिक दरिद्रता को दिखती है–डॉ उदयन

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करतारपुर 17 फरवरी (जसवंत वर्मा )संसद में डी.एम.के के सांसद श्री दयानिधि मारन द्वारा संस्कृत के विरोध में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी उनकी घोर मानसिक दरिद्रता को दर्शाती है यह बताते हुए गुरु विरजानन्द गुरुकुल महाविद्यालय करतारपुर के प्राचार्य एवं संस्कृत भारती पंजाब प्रांत के सम्पर्क प्रमुख डॉ. उदयन आर्य ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है जो विज्ञान, गणित, आयुर्वेद,योग, संगीत एवं दर्शनशास्त्र आदि विषयों की आधारशिला है। यह भाषा न केवल भारत अपितु संपूर्ण विश्व के विद्वानों द्वारा सम्मानित है, पूरे विश्व में संस्कृत पर निरन्तर शोध कार्य किया जा रहा है। श्री दयानिधि मारन ने सिर्फ एक भाषा का नही बल्कि समस्त भारतीय संस्कृति, परम्परा और ज्ञान विज्ञान की अमूल्य धरोहर का अपमान किया है, जिसका प्रत्युत्तर माननीय ओम बिरला जी ने भी तुरन्त दिया है , संस्कृत संविधान द्वारा मानित 22 भाषाओं में से एक है। समस्त भारतीय व्यक्तियों , पदार्थों एवं स्थानों के नामकरण का आधार संस्कृत ही है। दयानिधि नाम भी किसी अन्य भाषा का नही है। डॉ. उदयन आर्य ने श्री दयानिधि के इस वक्तव्य की घोर निन्दा करते हुए देश के सभी नागरिकों से इस विषय पर अपनी आवाज बुलंद करने को कहा। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. उदयन आर्य जी ने यह भी बताया कि पंजाबी और संस्कृत का निकटतम संबंध है। आचार्य जी निरन्तर संस्कृत की समृद्धि हेतु प्रयासरत् हैं। इस दौरान गुरुकुल के वरिष्ठ अध्यापक सूरज राणा एवं अन्य उपस्थित रहे।

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