बलाचौर 29 फरवरी (अवतार सिंह धीमान, समरदीप सिंह)
प्रदेश की 54 हजार आंगनबाडी वर्करों व हेल्परों की मांगों को लेकर ऑल पंजाब आंगनबाडी कर्मचारी यूनियन की ओर से 3 मार्च को पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री डॉ. के विधानसभा क्षेत्र मलोट में होने वाली बैठक बलजीत कौर ने अब कार्यक्रम में बदलाव कर दिया है।5 मार्च को मलोट को चंडीगढ़ में बदल दिया गया है और हजारों की संख्या में आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर 5 मार्च को चंडीगढ़ पहुंचेंगी और पंजाब विधानसभा का घेराव करेंगी और विरोध प्रदर्शन करेंगी।
ब्लॉक अध्यक्ष मंजीत कौर जडली ने कहा कि एक मार्च से बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसीलिए कार्यक्रम में बदलाव किया गया है. उन्होंने कहा कि संगठन के नेताओं के साथ बार-बार बैठक करने के कारण संबंधित विभाग की मांगों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। जिससे आंगनबाडी वर्करों व हेल्परों में पंजाब सरकार के खिलाफ रोष की लहर है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का फैसला है कि तीन साल के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा और इन बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिया जा रहा है. जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता है। क्योंकि पंजाब सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों से बच्चों को छीन रही है।
मनजीत कौर जडली ने मांग की कि आंगनबाडी वर्करों को प्री-नर्सरी अध्यापकों का दर्जा दिया जाए और हेल्परों को उचित ग्रेड दिया जाए। केंद्र सरकार ने 18 हजार प्री-नर्सरी शिक्षकों के पदों पर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करने को कहा है. जिनमें से 8393 पोस्ट आ चुकी हैं। लेकिन पंजाब सरकार केंद्र सरकार के फैसले को न मानकर अपनी मनमर्जी चला रही है।
उन्होंने कहा कि बताया गया है कि आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को एन. टीटी कोर्स करवाकर प्री-नर्सरी टीचर का दर्जा दिया जाए, लेकिन इसके उलट पंजाब सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों से भी बच्चों को छीन रही है। जबकि अन्य राज्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री-नर्सरी शिक्षकों के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। ब्लॉक अध्यक्ष मनजीत कौर जडली ने कहा कि पंजाब में आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.